भारत में आज 3-4 दिन से चर्चा के विषय में आया हुआ एक विषय जिसका नाम है टेलीप्रॉम्पटर विवाद। यह टेलीप्रॉम्पटर विवाद क्या है जिसके चलते भारतीय राजनीति गरमाई हुई है । सारे विषय विशेषज्ञ इसे खोजने में लगे हुए हैं।
प्रधानमंत्री को लेकर ही इस टेलीप्रॉम्पटर की चर्चा पूरे भारत मे हो रही है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी WEF( World Economic Forum) की एक बैठक के दौरान वर्चुअली भाषण दे रहे थे। वो भाषण देते वक्त बीच में रुक से गए , इनके रुकने के ऊपर ही यह विवाद छिड़ा हुआ है।
जैसा कि वीडियो में दिखाया गया कि प्रधानमंत्री एक व्यक्ति जिनका नाम Klaus Schwab है , से पूछ रहे हैं कि क्या आप मुझे सुन पा रहे हैं? क्या हमारे Interpreter की आवाज भी सुनाई पड़ रही है ? प्रधानमंत्री के इस तरह पूछने कि क्या आप मुझे सुन पा रहे हैं विपक्ष ने इस बात का भरपूर आनंद लिया । राहुल गांधी ने इस बात का आनंद कुछ इस तरह लिया उन्होंने कहा कि इतना झूठ टेलीप्रॉम्पटर भी नहीं झेल पाया।
क्या होता है टेलीप्रॉम्पटर?-: आपने देखा होगा कि किसी बड़े नेता , न्यूज एंकर , एक्टर आदि के आस पास एक कांच का पैनल लगा होता है, और हमे लगता है कि ये उनकी सुरक्षा के लिए लगा होता है परंतु ऐसा नहीं है। वास्तव में यह शीशा टेलीप्रॉम्पटर होता है जो किसी नेता या स्पीच देने वाले को मदद करता है। नेताओं को जो कुछ भी बोलना रहता है वह टेलीप्रॉम्पटर के स्क्रीन पर लिखा हुआ रहता है जिसे देखकर वह स्पीच देते हैं। आप जितने भी न्यूज एंकर को देखते हैं वो कैमरे में लगातार टकटकी लगाकर देखते हैं इसका कारण यह है कि वह कैमरे के नीचे लगी टेलीप्रॉम्पटर स्क्रीन को देखते हैं, और उस पर चल रहे शब्दों को देखते हुए बोलते हैं। राजनेता भी इस मशीन का उपयोग करते हैं इसे ही टेलीप्रॉम्पटर कहते हैं।सामने बैठे लोगों को यह एक साधारण काँच नजर आता है।
इसकी खोज अमेरिका में 1950 में हुई थी। इसका प्रयोग अमेरिका के लगभग सभी राजनेता करते हैं। यहाँ तक कि बुश, ओबामा, बाइडेन समेत कई अमेरिकी राष्ट्रपति इसका उपयोग कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसका प्रयोग करते हैं।
एक अच्छे टेलीप्रॉम्पटर की कीमत 2 लाख से लेकर 16-17 लाख रुपए हैं।
टेलीप्रॉम्पटर के प्रकार-: यह तीन प्रकार का होता है ।
1. प्रेसिडेंशियल टेलीप्रॉम्पटर
2. कैमरा माउन्टेड टेलीप्रॉम्पटर
3. स्टैंड टेलीप्रॉम्पटर
नरेंद्र मोदी कहाँ बोल रहे थे?-: स्विट्जरलैंड में एक जगह जिसका नाम दावोस है , वहाँ के एक व्यक्ति जिनका नाम Klaus Schwab है। यह व्यक्ति 1971 से लगातार दुनिया भर के जितने भी विद्वान, बड़े लोग, राजनेता या फिर जिन्होंने जीवन में कुछ बड़ा किया हो ऐसे लोगों को वहाँ Invitation के माध्यम से बुलाया जाता है। इस व्यक्ति ने सभी प्रकार के बड़े नेताओं को बुलाया और सेमिनार आयोजित की।यह बैठक हर साल होती है।
इस सेमिनार के अंदर पूरे साल भर का एजेंडा तैयार किया जाता है जिससे दुनिया भर को मदद के रूप में आइडिया देते रहें। भारत की ओर से इसमें पहले भी कई लोग जैसे शाहरुख खान, अनिल अंबानी भी जा चुके हैं। यह एक हाई प्रोफाइल मीटिंग होती है जिनके अपने एजेंडे होते हैं। कोविड की वजह से इस बार का सम्मेलन वर्चुअली (video conferencing ) के माध्यम से हुआ । वर्चुअली सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने अपना भाषण दिया। इसके अंदर प्रधानमंत्री ने बहुत सी अच्छी बातें बताई , कि हम कोरोना की तीसरी लहर से गुजर रहें हैं लेकिन इस दौरान हमने दुनिया को एक उम्मीद की किरण दिखाई है। इन्होंने बताया कि हमने देश में 160 करोड़ कोविड वैक्सीन लगाई है।
इन्होंने अपने भाषण में बताया कि हमारे IT सेक्टर (Information Technology) ने रिकॉर्ड बनाया और ऐसा करने वाली दुनिया की तीसरी हाईएस्ट यूनिकॉर्न का दर्जा प्राप्त किया। हमने कोरोना से निपटने के लिए आरोग्य सेतु और कोविन पोर्टल का प्रयोग किया।
क्या था सम्मेलन का थीम?-: इस सम्मेलन का थीम यह था कि इस कोरोना काल में आगे कैसे बढ़ा जाए तथा ग्लोबल टेक्नोलॉजी और उनका उपयोग कैसे किया जाए तथा हम किस प्रकार से यूथ को इन्वॉल्व कर सकते हैं।
नरेंद्र मोदी अपने इसी भाषण को दे ही रहे थे कि बीच में वे अचानक रुक गए और विपक्ष ने इस बात का खूब आनंद लिया। राहुल गाँधी ने ट्वीट किया कि इतना झूठ टेलीप्रॉम्पटर भी नहीं झेल पाया । शायद इनकी नजर में यह बात झूठी रही हो जो कुछ प्रधानमंत्री स्पीच के दौरान बोल रहे थे।
लेकिन उनके रुकने की असली वजह यह थी कि किसी ने पीछे से प्रधानमंत्री से कहा कि पूछिए कि सब जुड़ गए क्या?
यह वीडियो बहुत छान बीन करने के पश्चात् WEF की साइट से मिली। लेकिन भारतीयों के पास केवल यह वीडियो पहुँची।
इस वीडियो को देख कर ऐसा प्रतीत होता है कि मोदी जी ने टेलीप्रॉम्पटर स्क्रीन पर चल रहे शब्दों में कोई गलती देखी तो फिर उन्होंने बात बदलते हुए अचानक पूछ लिया कि Schwab जी आपको सही से सुनाई दे रहा है।